बाढ़ पीड़ितों की करुण पुकार: बाल पीड़ित सबसे अधिक संकट में, जिला प्रशासन से तत्काल मदद की मांग, नाही टेंट की व्यवस्था न ही किसी तरह की मूलभूत सुविधा

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भागलपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर होकर खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं सबसे ज्यादा संकट बच्चों पर मंडरा रहा है, जिन्हें न तो सुरक्षित टेंट की सुविधा मिली है, न पर्याप्त भोजन, और न ही पीने के लिए साफ पानी ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से उनका सब कुछ बह गया राहत शिविरों में जाने के बाद भी उन्हें सिर्फ उम्मीदें मिलीं, लेकिन सुविधाओं का गंभीर अभाव है विशेष रूप से छोटे बच्चे बीमारी के खतरे से जूझ रहे हैं, क्योंकि न तो उनके लिए आश्रय स्थल हैं और न ही पौष्टिक भोजन की कोई व्यवस्था दूषित पानी पीने के कारण कई बच्चों को उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायतें हो रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य टीम भी मौके पर नहीं पहुंच पाई है स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द प्राथमिक सुविधाओं टेंट, भोजन और साफ पीने का पानीकी व्यवस्था की जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं प्रभावित परिवारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। फिलहाल, बाढ़ पीड़ितों की नज़र जिला प्रशासन और राहत टीम की ओर टिकी हुई है, जो उनके लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है

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Author: office

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