नालंदा जिले के वेना थाना क्षेत्र के बिरनावां गांव में एक युवक पर जानलेवा हमला और फायरिंग का मामला सामने आया है। पीड़ित नीतीश कुमार ने गांव के ही तीन लोगों में गौतम कुमार, उपेंद्र और धर्मेंद्र पर हमला करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
पीड़ित ने बताया कि 24 जुलाई की सुबह करीब 7:30 बजे वह अपने खेत से घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे तीनों आरोपियों ने उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। उन्होंने आरोप लगाया कि हमले के दौरान जान से मारने की नीयत से फायरिंग भी की गई। शोर मचाने पर आसपास के ग्रामीण पहुंचे, तब जाकर हमलावर भाग निकले।
पहले दी गई थी धमकी, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
नीतीश ने बताया कि हमले से दो दिन पहले ही उन्हें फोन पर गोली मारने की धमकी दी गई थी। इसकी रिकॉर्डिंग और लिखित शिकायत उन्होंने वेना थाना को दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई होती, तो यह हमला रोका जा सकता था।
2019 की कार्रवाई से उपजी रंजिश
पीड़ित ने बताया कि वर्ष 2019 में अवैध शराब कारोबार के खिलाफ हुई डीएसपी शिवली नोमानी की छापेमारी के दौरान उनका नाम सामने लाने के कारण आरोपी उनसे रंजिश रखे हुए हैं। तब से लगातार उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
थाना अध्यक्ष ने फायरिंग से किया इनकार
वेना थाना अध्यक्ष विकास कुमार यादव ने बताया कि पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है और जांच की जा रही है। हालांकि उन्होंने फायरिंग की घटना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
न्याय की गुहार
नीतीश कुमार ने जिला प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा की मांग करते हुए आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से भय और दबाव में जीवन जी रहे हैं, अब न्याय की उम्मीद है।
