नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद्य और कृषि क्षेत्र पर अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने न केवल कर ढांचे को सरल बनाया है बल्कि किसानों, उत्पादकों और उपभोक्ताओं तक सीधा लाभ पहुँचाया है।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से बताया कि मक्खन, घी, दूध, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, जैव कीटनाशक और बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध हो रहे हैं। इससे किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं और उनकी आय में वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि यह कदम केवल आर्थिक सुधार नहीं है बल्कि पोषण सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य को मजबूत करने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को संतुलित और सस्ता आहार मिलना सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा जैविक खेती, प्राकृतिक कृषि और सतत नवाचारों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल बदलाव तेज़ी से हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि नई नीतियाँ किसानों को बाजार से बेहतर जुड़ाव दिला रही हैं, आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं और युवाओं को कृषि-स्टार्टअप और फूड-प्रोसेसिंग उद्योग में नए अवसर प्रदान कर रही हैं। इन प्रयासों से भारत न केवल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है बल्कि वैश्विक खाद्य बाजार में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में ये सुधार भारत को “कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में वैश्विक हब” बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएँगे।
