धनबाद शहर में फुटपाथ दुकानदारों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हालिया धनबाद दौरे के बाद प्रशासन द्वारा दुकानदारों को हटाने की कार्रवाई से नाराज़ फुटपाथ विक्रेताओं ने डीजीएमएस क्लब ग्राउंड में एक बैठक कर अपनी रणनीति तय की। बैठक में प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दुकानदारों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
बैठक में दर्जनों दुकानदार शामिल हुए, जिन्होंने एक स्वर में प्रशासन के रवैये को तानाशाही करार दिया। दुकानदारों का कहना है कि राष्ट्रपति का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब वे अपने-अपने ठिकानों पर लौटे और दुकान लगाने की तैयारी कर रहे थे, तभी सिटी हॉक्स की पुलिस टीम पहुंची और उन्हें वहां से खदेड़ने लगी। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने न सिर्फ उन्हें दुकान लगाने से रोका, बल्कि सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के झूठे मुकदमे की धमकी भी दी। इतना ही नहीं, कई दुकानदारों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
बैठक में दुकानदारों ने कहा कि वे वर्षों से फुटपाथ पर छोटी-छोटी दुकानें लगाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। अब अचानक से दुकान लगाने पर पाबंदी लगाना सीधे तौर पर उनके जीविकोपार्जन पर हमला है। फुटपाथ दुकानदारों ने कहा कि वे आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं, क्योंकि बार-बार अपील करने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब वे आंदोलन की स्पष्ट रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा की अगर हमें दुकान नहीं लगाने दिया गया तो फुटपाथ दुकानदार उग्र आंदोलन करेंगे और सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
1 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू धनबाद आई थीं। उनकी सुरक्षा को लेकर शहर में भारी प्रशासनिक सख्ती बरती गई थी। इसी क्रम में शहर के विभिन्न हिस्सों में लगे फुटपाथ दुकानदारों को हटा दिया गया था। अब जब राष्ट्रपति का दौरा समाप्त हो गया है, तब भी दुकानदारों को दोबारा काम शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा रही, जिससे गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
