रक्षाबंधन का पावन पर्व हमेशा से भाई-बहन के अटूट रिश्ते और स्नेह का प्रतीक रहा है। इस अवसर पर शनिवार को धनबाद मंडलकारा में एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जब सुबह से ही सैकड़ों बहनें राखी और मिठाई लेकर अपने कैद में बंद भाइयों के लिए पहुंचीं।
सुबह करीब 8 बजे से ही मंडलकारा के बाहर बहनों की कतार लग गई थी। उनके हाथों में थाल सजाए हुए थे, जिसमें राखियां, चावल, रोली और मिठाई रखी हुई थी। कई बहनें रंग-बिरंगे परिधानों में सजी-धजी थीं, तो कुछ के चेहरे पर भाई से मिलने की बेचैनी साफ नज़र आ रही थी। जेल के बाहर का माहौल उल्लास, स्नेह और भावुकता से भरा था। बहनों के चेहरों पर अपने भाइयों से मिलने की खुशी साफ झलक रही थी, लेकिन लंबे समय से जुदाई का दर्द भी उनके आंसुओं में दिखाई दे रहा था।
सुरक्षा कारणों के चलते जेल प्रशासन ने प्रत्यक्ष मुलाकात की अनुमति नहीं दी। बहनों को केवल जेल के बाहर ही रुकने दिया गया, जबकि राखी और मिठाई जेलकर्मियों के माध्यम से कैदियों तक पहुंचाई गई। इसके लिए प्रशासन ने विशेष काउंटर बनवाए, जहां बहनों ने अपने भाइयों के नाम के साथ राखी और मिठाई सौंपी। जेलकर्मी इन्हें अंदर ले जाकर कैदियों तक पहुंचा रहे थे।
राखी के साथ ही बहनों ने भाइयों की सलामती, लंबी उम्र और जल्दी रिहाई की दुआएं भी भेजीं। कई बहनें जब बाहर लौटीं तो उनकी आंखें नम थीं, लेकिन इस सुकून के साथ कि उनका प्यार और आशीर्वाद भाइयों तक पहुंच गया।
