जिले में एक अगस्त को राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर चलाए गए सौंदर्यीकरण अभियान के तहत पुलिस लाइन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया था। उस दौरान उत्पाद दुकानदारों को हटाकर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया गया और दीवारों पर लाखों की लागत से आकर्षक पेंटिंग बनाई गई थी। निगम का यह अभियान अभी भी सख्ती से जारी है।
इसी बीच फुटपाथ दुकानदार लगातार विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें अस्थायी तौर पर दुकान लगाने की अनुमति दी जाए। हालांकि निगम ने साफ कर दिया है कि दुकान लगानी है तो केवल ठेला पर लगाई जाए, सुबह लगाकर शाम को हटा ली जाए।
वहीं दूसरी ओर सवाल यह उठ रहा है कि अगर ठेला दुकानदार भी वहां दुकान लगाएंगे तो दीवारों पर बनाई गई पेंटिंग ढक जाएगी। ऐसे में जिस सौंदर्यीकरण पर भारी खर्च किया गया था, उसका लाभ जनता तक नहीं पहुंच पाएगा। अब देखना यह है कि फुटपाथ दुकानदारों की समस्या का स्थायी समाधान कब तक निकलता है और निगम द्वारा किए गए सौंदर्यीकरण को संरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
