सावन में सीता के धरती पर अकाल, शिव के शरण में पहुंचे मिथिलावासी, मांगी बारिश की दुआ !

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सीतामढ़ी जिले में अनावृष्टि से उत्पन्न जल संकट को लेकर जनमानस चिंतित है। वर्तमान स्थिति ये है कि जिले के आधे से अधिक इलाकों में जलस्तर नीचे जाने के कारण अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में समाधान के लिए श्रद्धालु अब आध्यात्मिक उपायों का सहारा ले रहे हैं। इसी कड़ी में श्रावण मास की दूसरी सोमवारी को बाबा मनोकामना नाथ मंदिर परिसर में महिलाओं ने सामूहिक रूप से रुद्राभिषेक कर भगवान शिव से वर्षा की कामना की। मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

सभी ने पारंपरिक परिधान में, हाथों में पूजन सामग्री और कलश लिए महादेव की आराधना की। शिवलिंग पर गौ माता के दूध, गंगाजल, गन्ने के रस, शहद, नारियल पानी, दही, शक्कर और पंचामृत से महादेव का अभिषेक किया गया। लोगो का मानना है कि यह धरती रामायण कालीन है। उन्होंने बताया कि जब मिथिला क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ा था, तब राजा जनक ने इसी भूमि पर हालेस्थी यज्ञ किया था, जिसके बाद वर्षा हुई और जनजीवन सामान्य हुआ। उसी परंपरा को को लेकर एक बार फिर मिथिलावासी भगवान शिव की शरण में पहुंचे है।

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Author: office

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